Hindi Sahitya Ka Itihas by Ramchandra Sukla Hindi pustak

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Hindi Sahitya Ka Itihas (हिन्दी साहित्य का इतिहास) by Ramchandra Sukla Hindi pustak pdf

Hindi Sahitya Ka Itihas by Ramchandra Sukla ebook
e-book name- Hindi Sahitya Ka Itihas (हिन्दी साहित्य का इतिहास) by Ramchandra Sukla
Author name- Ramchandra Sukla
Language- Hindi
File format- PDF
PDF size- 34mb
Pages- 808
Quality- good, no watermark

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कई संस्करणो के उपरान्त इस पुस्तक के परिमार्जन का पहला अवसर मिला, इससे इसमें कुछ आवश्यक संशोधन के अतिरिक्त बहुत सी बार्त बढ़ानी पड़ीं। . ‘आदिकाल’ के भीतर वज्रयानी सिद्धो और नाथपंथी योगियों की परंपराओं का कुछ विस्तार के साथ वर्णन यह दिखाने के लिये करना पड़ा कि कबीर द्वारा प्रवर्तित निर्गुण संत-मत के प्रचार के लिये किस प्रकार उन्होंने पहले से रास्ता तैयार कर दिया था। दूसरा उद्देश्य यह स्पष्ट करने का भी था कि सिद्धों और योगियों की रचनाएँ साहित्य-कोटि में नहीं आतीं. और योग-धारा काव्य या साहित्य की कोई धारा नहीं मानी जा सकती। ‘भक्ति-काल’ के अतर्गत खामी रामानद और नामदेव पर विशेषरूप से विचार किया गया है; क्योंकि उनके संबंध में अनेक प्रकार की बात प्रचलित हैं। ‘रीति-काल’ के ‘सामान्य परिचय’ में हिंदी के अलंकार-ग्रंथों की परंपरा का उद्रम और विकास कुछ अधिक विस्तार के साथ दिखाया गया है। घनानंद आदि कुछ मुख्य मुख्य कवियों का आलोचनात्मक परिचय भी विशेष रूप में मिलेगा । ‘आधुनिक काल’ के भीतर खड़ी बोली के गद्य का इतिहास इधर जो कुछ सामग्री मिली है उसकी दृष्टि से एंक नए रूप में सामने लाया गया है। हिंदी के मार्ग मे जो जो विलक्षण बाधाएँ पड़ी हैं उनका भी सविस्तर उल्लेख है। पिछले संस्करणों में वर्तमान अर्थात् आजकल चलते हुए साहित्य की मुख्य प्रवृतिर्यों का संकेत मान करके छोड़ दिया गया था। इस संस्करण में समसामयिक साहित्य का अब तक का आलोचनात्मक विवरण दे दिया गया है जिससे आजतक के साहित्य की गति-विधि का पूरा परिचय प्राप्त होगा। आशा है कि इस संशोधित और प्रवर्द्धित रूप में यह इतिहास विशेष उपयोगी सिद्ध होगा।- रामचंद्र शुक्ल
Hindi Sahitya Ka Itihas (हिन्दी साहित्य का इतिहास)

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