Sagar Ke Rahasyo Ki Kahani by Dr. H. S. Vshanoi Hindi book pdf

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Sagar Ke Rahasyo Ki Kahani (सागर के रहस्यो की कहानी) by Dr. H. S. Vshanoi Hindi book pdf

Sagar Ke Rahasyo Ki Kahani ebook
e-book name- Sagar Ke Rahasyo Ki Kahani (सागर के रहस्यो की कहानी)
Author name- Dr. H. S. Vshanoi
Type- Exploring the secrets of the sea
Language- Hindi
File format- PDF
Size- 7mb
Pages- 347
Quality- good, without any watermark

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विज्ञान कमी न समाप्त हान वाली एक खोज है-ज्ञान की खोज, नए-नए ज्ञान की खोज, और उन निर्विवाद प्रमाणा की खोज जिनसे स्वीकृत ज्ञान की सत्यता सिद्ध की जा मक। आज यह खोज सभी दिशाआ म वडी व्यग्रता के साथ की जा रही है। क्तिन ही विज्ञानी उन अति-सूक्ष्म गणा के सम्बध भ जानकारी प्राप्त करने मे जुट है जिनके द्वारा परमाणु की रचना होती है और वे उस पदाथ का अध्ययन कर रह ह जिसका अस्तित्व केवल एक सेमड के कुछ अरबवे भाग तक ही रहता है। व इस समस्त विश्व की, और इसकी रचना करने वाली लासा-कराडा आकाश-गगाआ की जानकारी प्राप्त करने मे लगे हुए ह। वे बाहरी अन्तरिक्षा म आये गडाए बैठे है और उसकी आर कान भी लगाए है। उनकी बातचीत ऐसी काल मापनिया के “शब्दी में हाती है जिसमें दस लाख बप की कालावधि माना भू-वैज्ञानिक घड़ी की सेकड की सुई की एक टिक के यरायर हाती है। कितनी दूर तक तथा कितने वेग से चलती ह। समुद्र की बार-बार उठती गिरती छाती की भीषण लहरा म भयक र हिचकाला कं आमास म उन्हे तब आन द आता है जब वे एक अचरजभरी कल्पना करते है कि आसिर यह समुद्र कितना गहरा है आर उसके नीचे क्या कुछ विद्यमान है। किंसी रग बिरगी मछली का प्रवात्” म वन उसके छिपने के स्थान से लालच देकर बाहर निकालना या मात मील की गहराई से किसी विचिन एव विरल जन्तु वो ड्रेज द्वारा ऊपर निकालना कितना मनोरजक है कि तु उससे हजार गुना अधिक मनोरजक यह जानना है कि मछलिया में रग कैसे आर क्या बनते हैं और यह कि उनकी पीठ कं प्रति वग इच पर टना जल का भार पड़ते हुए भी वे किस प्रकार जीवित रह पाती है। अध्ययन एव परीक्षण मे प्रकृति के सौदय एव उसकी नवीनता म किसी भी प्रकार पाई कमी नही आता। वास्तव में उस समय जब कि हम प्रकृति के तौर-तरीका एव उसके उद्देश्या का भमझने लगते ह ता उसके वचित्र्य एव अनभूति भ इतनी वद्धि हा जाती है जिसकी कोई सीमा नही।
सभी विज्ञानिया मे कई बातें समान रूप में पाई जाती है जिनमे से एक ऐभी प्ररक जिज्ञासा का भाभा जाना भी है जो कभी तप्त नही होती । कुछ विज्ञानी समुद्र का इस जिज्ञासा का विषय बनाते हैं। वे भुनहली धूप में चमचमाती नील खुले जल की चचल लहरो के दश्य एव उनकी ध्वनि का आनद ता लेते ही है किन्तु वे यह जानना भी चाहते है कि लहर किस प्रकार बनती है और साथ ही।
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Hindi knowledge book pdf Sagar Ke Rahasyo Ki Kahani (सागर के रहस्यो की कहानी)

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