Bali Ka Bakra by Manmathnath Gupta Hindi Novel ebook

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Bali Ka Bakra (बलि का बकरा) by Manmathnath Gupta Hindi Novel ebook

Bali Ka Bakra by Manmathnath Gupta ebook

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ebook name- Bali Ka Bakra (बलि का बकरा)
Author- Manmathnath Gupta
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 100
Size- 3mb
Quality- good, without any watermark

उपन्यास की शुरुआत कहानी-
हजारीलाल की माता का बहुत पहिले ही देहान्त हो गया था। न उस को अपनी माता की याद थी, और न उसके बड़े माई सीनेणाल की ही उस की कुछ याद थी । उन के पिता को मरे मी पांच साल से अधिक हो गये थे | घर में इस समय केवल तीन ही प्राणी थे, हजारीलाल, उसका बड़ा भाई सोनेलाल और उस की मामी होमवती या होमी।
यद्यपि जाति से ये सुनार थे, पर कुछ ऐसा संयोग हुआ कह लीजिये या सोनेलाल के पिता रामलागन की किसी बात से यह यजीव भक सवार हो गयी कि अच्छी चलती हुयी खानदानी दुकान होते हुये भी उसने दोनी वेटों को अग्रेजी स्कूल में मर्ती करा दिया और उन्हें खानदानी पेशा बिल्कुल नहीं सिखलाया।
अपने पिता के जीवन काल में ही सोनेलाल एन्ट्रेंस तक पढ कर एक मामूली क्लर्क बन चुका था। विरादरी चालों ने बहुत समझाया था कि रामलागन, यह तुम क्या कर रहे हो, चली चलायी दुकान है, लड़के को उस में बैठायी, पर रामलागन के सिर पर किसी बात का भूत सवार था। उसने किसी की एक नहीं सुनी। …
Hindi Novel ebook Bali Ka Bakra

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