Ivan By Vladimir Bogomolov
Book Type- Hindu Hindi Translated ebooks
File Format- PDF
Language- Hindi
Total Pages- 66
Size- 15Mb
Quality- HQ, without any watermark,

सारांश (Summary)
कहानी “इवान” द्वितीय विश्व युद्ध के समय की पृष्ठभूमि पर आधारित है। इसका नायक इवान नाम का एक बारह वर्षीय बालक है, जिसकी ज़िंदगी युद्ध ने पूरी तरह बदल दी है। जर्मन सैनिकों द्वारा उसके परिवार की हत्या कर दी जाती है और वह अकेला रह जाता है। जीवित रहने के लिए इवान दुश्मन की सीमा के पीछे छिपकर रहता है और वहाँ से सोवियत सेना को महत्वपूर्ण सूचनाएँ देता है।
जब सोवियत सैनिक उसे पाते हैं, तो वे यह देखकर चकित रह जाते हैं कि एक छोटा बच्चा इतनी समझदारी और साहस के साथ काम कर रहा है। परंतु इवान किसी भी तरह से यह स्वीकार नहीं करता कि वह बच्चा है — वह खुद को एक सैनिक समझता है। उसके मन में केवल प्रतिशोध और देशभक्ति की भावना है।
सैनिक अधिकारी उसे युद्ध से दूर किसी सुरक्षित स्थान पर भेजना चाहते हैं, ताकि वह पढ़-लिख सके और सामान्य जीवन जी सके, लेकिन इवान मना कर देता है। वह कहता है कि अब उसके जीवन का उद्देश्य केवल दुश्मनों से बदला लेना है।
अंततः एक दिन जब वह दुश्मन की सीमा के भीतर जानकारी एकत्र करने जाता है, तो जर्मन सैनिकों द्वारा पकड़ लिया जाता है। युद्ध समाप्त होने के बाद सोवियत सैनिकों को एक जर्मन दस्तावेज़ मिलता है, जिसमें उन लोगों के नाम लिखे होते हैं जिन्हें फाँसी दी गई थी — उनमें इवान का नाम भी होता है।
कहानी का अंत बेहद मार्मिक है — यह दिखाती है कि युद्ध में कोई सच्ची जीत नहीं होती, केवल मासूमियत और मानवता की हार होती है।
मुख्य विषय (Themes)
- बचपन का खो जाना – युद्ध ने इवान का बचपन छीन लिया। वह बारह साल की उम्र में ही एक जवान सैनिक जैसा बन गया।
- युद्ध की भयावहता – कहानी बताती है कि युद्ध केवल मृत्यु और विनाश लाता है, इंसानियत को खत्म कर देता है।
- देशभक्ति और प्रतिशोध – इवान की देशभक्ति इतनी गहरी है कि वह अपनी जान की परवाह किए बिना दुश्मन से बदला लेना चाहता है।
- मानवता का दर्द – कहानी यह भी दर्शाती है कि युद्ध में केवल शरीर नहीं, आत्माएँ भी घायल होती हैं।
पात्र विश्लेषण (Character Analysis)
- इवान: साहसी, बुद्धिमान और दृढ़ निश्चयी बालक। लेकिन उसका हृदय प्रतिशोध की आग से भरा हुआ है, जिसने उसे बचपन से वंचित कर दिया।
- कप्तान खोलिन और लेफ्टिनेंट गाल्त्सेव: ये दोनों सैनिक इवान के प्रति स्नेह और करुणा रखते हैं। वे उसे बचाना चाहते हैं, लेकिन युद्ध की निर्दय परिस्थितियाँ उन्हें असहाय बना देती हैं।
शैली और भाव (Style and Tone)
व्लादिमीर बोगोमोलोव की लेखनी संवेदनशील और यथार्थवादी है। उन्होंने युद्ध को महिमामंडित नहीं, बल्कि करुण और त्रासदीपूर्ण रूप में प्रस्तुत किया है। कहानी का स्वर गंभीर और दुखभरा है, जो पाठक के मन पर गहरा प्रभाव छोड़ता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
“इवान” एक ऐसी कहानी है जो बताती है कि युद्ध में सबसे बड़ी हानि मानवता और बचपन की होती है। इवान का चरित्र उन लाखों बच्चों का प्रतीक है जिनका जीवन युद्ध ने छीन लिया। उसकी कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि किसी भी युद्ध में असली विजेता कोई नहीं होता — केवल हारने वाले इंसान होते हैं।
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