Panchatantra (पंचतंत्र) by Vishnu Sharma PDF

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Book Type- Hindu Religion related Books (हिन्दू धर्म से संबंधित पुस्तकें)
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 211
Size- 22Mb
Quality- HQ, without any watermark,

Panchatantra
पंचतंत्र

पंचतंत्र भारतीय साहित्य की सबसे प्राचीन और महत्वपूर्ण रचनाओं में से एक है, जिसे महान विद्वान विष्णु शर्मा ने संस्कृत भाषा में रचा था। यह ग्रंथ केवल कथाओं का संग्रह नहीं है, बल्कि यह जीवन-दर्शन, राजनीति, नीति-शास्त्र और नैतिकता का ऐसा अद्भुत संकलन है जो हजारों वर्षों से लोगों को शिक्षा और प्रेरणा देता आ रहा है। माना जाता है कि एक राजा ने विष्णु शर्मा को अपने अज्ञानी और जड़बुद्धि राजकुमारों की शिक्षा का दायित्व सौंपा था। वे पारंपरिक शिक्षा को समझ पाने में सक्षम नहीं थे, इसलिए विष्णु शर्मा ने उन्हें शिक्षित करने का अनोखा तरीका खोजा। उन्होंने पशु-पक्षियों और कल्पित पात्रों के माध्यम से ऐसी रोचक कहानियाँ रचीं जिनमें गहन जीवन-मूल्य छिपे हुए थे। इस प्रकार पंचतंत्र का जन्म हुआ और यह केवल राजकुमारों के लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानव जाति के लिए ज्ञान का खजाना बन गया।

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इस ग्रंथ का नाम स्वयं इसके स्वरूप की ओर इशारा करता है। “पंच” का अर्थ पाँच और “तंत्र” का अर्थ है तंत्र या विभाग। इसमें पाँच खंड हैं और प्रत्येक खंड जीवन और समाज के किसी विशेष पक्ष पर केंद्रित है। मित्रता कैसे बनती है और कैसे टूटती है, युद्ध और शांति की नीतियाँ क्या होती हैं, लालच और मूर्खता कैसे हानि पहुँचाते हैं, और बिना सोचे-समझे किया गया कार्य किस प्रकार विनाश का कारण बनता है—इन सब विषयों को कहानियों के माध्यम से सरलता से प्रस्तुत किया गया है। शेर, लोमड़ी, खरगोश, कछुआ, कौआ, बंदर, गीदड़ आदि पशु इन कथाओं के पात्र हैं, लेकिन वे वास्तव में मानव स्वभाव और उसकी जटिलताओं का प्रतीक हैं। इन पात्रों के माध्यम से पाठक अपने जीवन से जुड़ी अनेक सच्चाइयों को समझ पाता है।

पंचतंत्र की कहानियों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनमें मनोरंजन और शिक्षा दोनों साथ-साथ चलते हैं। जैसे “सिंह और चतुर खरगोश” की कहानी यह संदेश देती है कि बुद्धि हमेशा बल से श्रेष्ठ होती है। “कछुआ और हंस” की कथा यह सिखाती है कि वाणी पर संयम न रखने से जीवन संकट में पड़ सकता है। “बंदर और मगरमच्छ” यह दिखाता है कि संकट के समय चतुराई और तीव्र बुद्धि ही जीवन बचा सकती है। हर कथा के अंत में कोई न कोई नीति-सूत्र या शिक्षा मिलती है, जो पाठक के मन में गहराई से बस जाती है।

इतिहास की दृष्टि से देखें तो पंचतंत्र केवल भारत में ही लोकप्रिय नहीं रहा, बल्कि इसका प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ा है। इसका अनुवाद सबसे पहले फारसी और अरबी में हुआ, जिसके बाद यह पश्चिमी देशों तक पहुँचा। यूनानी और लैटिन में इसका रूपांतर हुआ और बाद में यह यूरोप के विभिन्न हिस्सों में पहुँचा। कई विद्वानों का मानना है कि यूरोप की प्रसिद्ध कथाएँ—जैसे ईसप की दंतकथाएँ और अरबियन नाइट्स—कहीं न कहीं पंचतंत्र से प्रभावित हैं। इस प्रकार यह ग्रंथ भारतीय संस्कृति का विश्व को दिया गया एक अनमोल उपहार है।

आज भी पंचतंत्र की प्रासंगिकता उतनी ही है जितनी हजारों वर्ष पहले थी। यह केवल बच्चों को मनोरंजन नहीं देता, बल्कि वयस्कों को भी व्यावहारिक जीवन के गहरे सत्य सिखाता है। आधुनिक समय में, जहाँ प्रतिस्पर्धा, छल, राजनीति और निर्णय की कठिनाइयाँ हर जगह हैं, पंचतंत्र का संदेश और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। यह हमें सिखाता है कि केवल बल या धन से नहीं, बल्कि विवेक, बुद्धिमत्ता और दूरदृष्टि से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है।

कुल मिलाकर, विष्णु शर्मा का पंचतंत्र भारतीय साहित्य की वह अमर कृति है, जो हर युग और हर पीढ़ी के लिए समान रूप से उपयोगी और प्रेरणादायी रही है। यह ग्रंथ जितना सरल दिखाई देता है, उतना ही गहरा और गंभीर है। इसकी कहानियाँ हमें यह बताती हैं कि जीवन की सबसे बड़ी शक्ति ज्ञान और विवेक है, और यही कारण है कि पंचतंत्र को आज भी संसार का सबसे श्रेष्ठ नीति-ग्रंथ माना जाता है।

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