Ravan Samhita by Kisanlal Sharma
Book Type- Hindu Hindi religious ebooks
File Format- PDF
Language- Hindi
Total Pages- 734
Size- 10Mb
Quality- HQ, without any watermark,

रावण संहिता – किसानलाल शर्मा
किसानलाल शर्मा द्वारा प्रस्तुत रावण संहिता एक महत्त्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें लंका के राजा रावण के गूढ़ ज्ञान और विद्वत्ता को आधुनिक पाठकों के लिए सरल भाषा में उपलब्ध कराया गया है। सामान्यतः लोग रावण को केवल रामायण का खलनायक मानते हैं, किन्तु प्राचीन ग्रंथों और परंपराओं में उसका परिचय एक अत्यंत विद्वान, वेदों का ज्ञाता, ज्योतिषशास्त्र का पारखी तथा तंत्र-मंत्र और आयुर्वेद का अद्वितीय आचार्य के रूप में मिलता है। कहा जाता है कि रावण ने अनेक गूढ़ विद्याओं का अध्ययन किया और उन्हें ग्रंथ रूप में संकलित भी किया। इन्हीं विद्या-ग्रंथों में रावण संहिता का नाम विशेष रूप से लिया जाता है।
किसानलाल शर्मा ने इस संहिता का अनुवाद और व्याख्या सरल हिन्दी में करके इसे आम लोगों के लिए सुगम बना दिया है। इस ग्रंथ में मुख्यतः निम्नलिखित विषयों की व्याख्या मिलती है –
- ज्योतिष शास्त्र – ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति, उनकी चाल, गोचर, कुंडली निर्माण और भविष्यवाणी करने के विविध सिद्धांत। इसमें यह बताया गया है कि किस ग्रह के योग से व्यक्ति के जीवन में कौन-कौन से प्रभाव उत्पन्न होते हैं।
- सामुद्रिक शास्त्र और हस्तरेखा विज्ञान – शरीर के लक्षणों, हथेली की रेखाओं तथा विभिन्न चिह्नों से व्यक्ति के स्वभाव, भाग्य और भविष्य का अनुमान कैसे लगाया जाए। रावण संहिता में इसके कई रहस्य खोले गए हैं।
- मंत्र-तंत्र साधना – इसमें विविध मंत्रों और तांत्रिक विधियों का उल्लेख है, जिनके द्वारा साधक मानसिक, शारीरिक अथवा सांसारिक कठिनाइयों से मुक्ति पा सकता है। इनमें कुछ मंत्र रक्षा के लिए, कुछ समृद्धि के लिए और कुछ आत्मिक शक्ति बढ़ाने के लिए बताए गए हैं।
- उपाय और अनुष्ठान – जीवन में आने वाली बाधाएँ, जैसे विवाह में विलंब, धन की कमी, स्वास्थ्य संबंधी कष्ट आदि के निवारण हेतु सरल उपाय और अनुष्ठान बताए गए हैं।
- आयुर्वेद और स्वास्थ्य – रावण आयुर्वेद का भी बड़ा ज्ञाता माना जाता है। इस ग्रंथ में कुछ औषधीय पौधों, घरेलू नुस्खों और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों का वर्णन है, जिनसे रोगों का उपचार किया जा सकता है।
इस पुस्तक का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्योंकि किसानलाल शर्मा ने इसमें केवल अनुवाद ही नहीं किया है, बल्कि कठिन श्लोकों और गूढ़ तांत्रिक सिद्धांतों की व्याख्या भी दी है। इससे यह ग्रंथ केवल विद्वानों तक सीमित न रहकर सामान्य पाठकों के लिए भी उपयोगी और समझने योग्य बन जाता है।
संक्षेप में कहा जाए तो रावण संहिता (किसानलाल शर्मा) एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें ज्योतिष, तंत्र-मंत्र, सामुद्रिक विद्या और आयुर्वेद का समन्वय मिलता है। यह पुस्तक न केवल रावण की विद्वत्ता को दर्शाती है, बल्कि भारतीय ज्ञान परंपरा की गहराई और व्यापकता को भी सामने लाती है।
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