Dhrupad Swarlipi (धुपद-स्वरलिपि) by Harinarayan Mukhopadhyay

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Dhrupad Swarlipi ((धुपद-स्वरलिपि)) part-1 Hindi pdf book free download

Dhrupad Swarlipi ebook
e-book name- Dhrupad Swarlipi (
part-1) music book
Author- Harinarayan Mukhopadhyay
File format- PDF (Portable Document Format)
Language- Hindi
PDF size- 29mb
Pages- 274
Quality- good, without any watermark

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धुपद-स्वरलिपि का प्रथम भाग निकालना पड़ा । मुझे अभी तक स्वरलिपि-प्रथा में केाई विश्वास नहीं है क्योंकि न मैंने स्वर्य इस प्रथा से सीखा था श्रेार न किसी केा सीखते देखा । गुरु के सन्मुख बैठ कर उनके उपदेशों के अनुसार कठोर परिश्रम करने से तब रागों के स्वरूप दिखाई पड़ते हैं और श्रपने स्वर व गीत की श्रशुद्धियाँ ठीक हेा सकती हैं। प्रथम शिक्षार्थी के लिये तो स्वरलिपि है ही नहीं। केाई भी राग हो श्रेार शिदार्थों केितना ही जानता क्यों न हो नये राग केा सीखने के लिये उसकेा गुरु के पास जाना ही पड़ेगा, न कि स्वरलिपि के पास । हाँ, श्रच्छी तरह सीख लेने के बाद भविष्यत् स्मरण के लिये केाई एक नियम मानकर गीत केा लिपिबद्ध कर लेना प्रयेाजनीय है और इसके लिए, शास्रों में भी नियम दिये हुए हैं। इन्हीं शास्रानुमेादित नियमों के श्रनुसार श्रेार अनेक मित्रों के विशेष अनुरोध से केाई १६० ध्रुपदों के स्वरलिपि इस प्रन्थ में प्रकाशित किये गये हैं। मेरे पास श्रेार भी कुछ ऐसे ध्रुपद हैं जो नये श्रेार श्रप्रचलित हैं। श्रवसर मिले श्रेार साधारण की इच्छा होगी तो उनकेा एक दूसरें भाग में निकालैंगा । सूचना में शिक्षार्थी के लिये श्रावश्यक बातें संक्षेप से दी गई हैं। पाठक कृपया स्मरण रक्खें कि मैं साहित्यिक व लेख-व्यवसायी नहीं हैं, इसलिए ऐसी पुस्तक में अशुद्धियों का रह जाना कुछ श्रस्वाभाविक नहीं है। पाठक यदि कृपा करके श्रशुद्धियों केा मेरे गेाचर करेंगे तेा में कृतज्ञ हूँगा । बड़े यत्न, परिश्रम व श्रर्थव्यय से इंडियन प्रेस ने इस पुस्तक केा प्रकाशित किया है इसलिए मेंउनकेा श्रान्तरिक कृतज्ञता व श्राशीर्वाद ज्ञापन करता हूँ। – हरीनारायण मुखोपाध्याय
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Dhrupad Swarlipi content
Hindi music pdf book free download Dhrupad Swarlipi

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