Hindi Hasya Byangya Sankalan (हिन्दी हास्य-व्यंग्य संकलन) PDF

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Hindi Hasya Byangya Sankalan (हिन्दी हास्य-व्यंग्य संकलन) PDF
Writer- Various authors (विभिन्न लेखक )
Edited by- श्रीलाल शुक्ल, प्रेम जनमेजय
Book Type- Humorous (हास्यपूर्ण)
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 264
Size- 13Mb
Quality- good, without any watermark

Hindi Hasya Byangya Sankalan pdf

हिन्दी हास्य-व्यंग्य का यह संकलन वस्तुतः आधुनिक हिन्दी गद्य में हास्य-व्यंग्य की कुछ प्रतिनिधि रचनाओं का संकलन है। पद्य रचनाएं इसकी परिधि में नहीं हैं। उसी प्रकार पुराने हिन्दी साहित्य में हास्य-व्यंग्य की रचनाओं को भी, जो मूलतः पद्य में हैं, यहां शामिल नहीं किया गया है, आधुनिक युग को ही लक्ष्य में रखा गया है। _ हिन्दी गद्य का और उसी के साथ आधुनिक प्रवृत्तियों का विकास हिन्दी साहित्य में भारतेन्दु-काल से माना जाता है। और यही वह काल है जब से हिन्दी साहित्य में हास्य
और व्यंग्य की नियमित उपस्थिति का अनुभव किया जाने लगा। इस संग्रह में प्राचीनतम रचनाएं भारतेन्दु बाबू हरिश्चन्द्र के समय तथा उसके तुरंत बाद की हैं और स्वयं भारतेन्दु से लेकर आज तक के नवीनतम लेखकों की कुछ रचनाओं को लेकर इसे एक प्रतिनिधि संकलन बनाने का प्रयास किया गया है।

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*इस पुस्तक की विषयसूची-
दिल-बहलाव के जुदे-जुदे तरीके- बालकृष्ण भट्ट
स्वर्ग में विचार-सभा का अधिवेशन- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
उपाधि- प्रतापनारायण मित्र
विटाई संभाषण- बालमुकुन्द गुप्त
बड़े भाई साहब- प्रेमचन्द
अकबरी लोटा- अन्नपूर्णानन्द वर्मा
आलस्य भक्त- गुलाबराय
आप भी ‘ओ’ हैं- जी. पी. श्रीवास्तव
लीडर लीला- हरिशंकर शर्मा
बेजी की चिट्ठियांः 14- विश्वम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’
राजभवन की सिगरेटदानी- श्रीनारायण चतुर्वेदी
चिकित्सा का चक्कर- बेढब बनारसी
श्रीमती गजानन्द शास्त्रिणी- सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
वसीयत- भगवतीचरण वर्मा
कुछ वर्गवाद- कुट्टिचातन्
बम्भोलेनाथ- नागार्जुन
एक गांधीवादी बैल की आत्मकथा- राधाकृष्ण
ठंड : आजादी : समाजवाद- गोपाल प्रसाद व्यास
भारतपुत्र नौरंगीलाल- अमृतलाल नागर
खरगोश के सींग- प्रभाकर माचवे
लालफीता- अमृतराय
इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर- हरिशंकर परसाई
कुत्ते और कुत्ते- श्रीलाल शुक्ल
पांचवीं शक्ति- शंकर पुणताम्बेकर
डाकखाना मेघदूत-शहर दिल्ली- धर्मवीर भारती
हिप्पी पंथ- विद्यानिवास मिश्र
कथा सेवा-यात्रा की- शान्ति मेहरोत्रा
बापू की विरासत- नामवर सिंह
नए वर्ष पर- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
रास्ता इधर से है- रघुवीर सहाय
अगला स्टेशन- केशवचन्द्र वर्मा
मुन्नू की अम्मा, देश का भविष्य
और भगवान की सृष्टि- विजय देव नारायण साही
होना कुछ नहीं का- शरद जोशी
एक दीक्षांत भाषण- रवीन्द्रनाथ त्यागी
मैंने किया है- सुदर्शन मजीठिया
एक कौमी गाली, पूरी कौम के नाम- मनोहरश्याम जोशी
चंदनवुड चिल्ड्रन स्कूल= के. पी. सक्सेना
हो जाए इसी बहाने एक श्रद्धांजलि- लतीफ घोंघी
अमरीकन जांघिया- नरेन्द्र कोहली
तीन अदद मास्टर : तीन अदद झलकियां- लक्ष्मीकान्त वैष्णव
जैसे कोई और हो!- अशोक शुक्ल
देशसेवा के अखाड़े में- सूर्यबाला
विक्रमार्क, बुढ़िया और सराय रोहिल्ला- हरीश नवल
सब चलता है- बालेन्दु शेखर तिवारी
मनुष्य और ठग- प्रेम जनमेजय
बॉस चले परदेस- दामोदर दत्त दीक्षित
शहीद रज्जब- विष्णु नागर
सुअर के बच्चे और आदमी के- ज्ञान चतुर्वेदी
मुझको सजा, मेरे पड़ोसी को सजा- सुरेश कान्त

प्रिय पाठकों!, इस हास्य-व्यंग्य संग्रह पुस्तक को इकट्ठा करें और पढ़ने का आनंद लें।
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