Maya Lok by Krishna Baldev Baid Hindi Novel pdf

Advertisement

Maya Lok (माया लोक) by Krishna Baldev Baid Hindi Novel ebook pdf

Maya Lok by Krishna Baldev Baid ebook
e-book novel- Maya Lok (माया लोक)
Author- Krishna Baldev Baid
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 369
Size- 20mb
Quality- nice, without any watermark

Advertisement

उपन्यास अपने स्वभाव और संस्कार से ही एक बहुरूपीय विधा है; इमकी बहुरूपीयता ही इसका मुख्य आकर्षण है; इसका आकर्षण असन्दिग्ध भी है, बहुरूपीय भी। आश्चर्य की बात यह है कि कुछ लोग इसके एक ही रूप पर इतन मुग्ध हो कर रह जाते हैं कि उन्हें इसके अन्य रूप या तो नज़र नहीं आते या मन्जूर नहीं होते। ऐसे लोग इस विधा मे यह अपक्षा करते हैं कि यह उन्हें बार बार उन्हीं के चहेते रूप में दिखायी दे। उनके अनुसार वही रूप इसको सारी संभावनाओं को साकार करता है। यह इस विधा की खूबी है कि इसने अपने इन आशिकों की बात नही मानी और अपने वैविध्य का बहिष्कार नहीं किया।…

…असल बात यह है कि हर उपन्यास को एक ही या ‘चन्दएक’ ही तरीकों का मोहताज नहीं बनाया जाना चाहिए, हर उपन्यासकार को एक ही निकष पर नहीं कसना चाहिए, हर उपन्यास की एक ही ढंग से नहीं पढ़ना चाहिए, हर उपन्यासकार से हर बार एक ही प्रकार के उपन्यास की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। इसी बात पर बल देने के लिए ही कुछ वर्ष पहले मैंने अपने उपन्यास काला कोलाज को अनुपन्यास कह देने का दुःसाहस तो कर दिया था, लेकिन उस दु:साहस को किसी सैद्धान्तिक सफाई का सहारा नहीं दिया था। मेरा अभिप्राय उस उपन्यास से उन तत्वों की अनुपस्थिति की ओर संकेत करना था जिन्हें कुछ लोग किसी भी उपन्यास के उपन्यास होने की शर्त ठहराते हैं। माया लोक से भी कई ऐसे तत्व अनुपस्थित हैं जिन्हें कुछ लोग हर उपन्यास के लिए अनिवार्य मानते हैं। इस दृष्टि से माया लोक को भी अनुपन्यास कहा जा सकता है। वास्तविकता तो यह है कि अनुपन्यास उपन्यास में निहित है, उपन्यास की ही एक संभावना है, उपन्यास के उन असंख्य वैकल्पिक रूपों का सामूहिक नए हो सकता है जिन्हें कुछ लोग दुराग्रहवश उपन्याम की परिभाषाओं और उपन्यास के परिसर से बाहर रखना चाहते हैं। अनुपन्यास उपन्यास की ही सुषुप्त या अदृश्य संभावनाओं को स्वरूप देता है। अनुपन्यास उपन्यास से इनकार नहीं, उसका विस्तार है। जब तक उपन्यास है, तब तक अनुपन्यास भी रहेगा-यह आश्वासन हमें उपन्यास के इतिहास से मिलता है। -कृष्ण बलदेव वैद
यह उपन्यास नीचे दिए गए लिंक से पीडीएफ फाइल के रूप में संग्रह कर सकते हैं।
Hindi Novel pdf Maya Lok (माया लोक)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *