Naya Vasnt by Sharad Hindi ebook pdf

Advertisement

Naya Vasnt (नया वसन्त) by Sharad Hindi ebook pdf

Naya Vasnt by Sharad ebook
e-book novel- Naya Vasnt (नया वसन्त)
Author- Sharad
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 194
Size- 11mb
Quality- nice, without any watermark

Advertisement

स्टोरी का शुरुबाद..

साकेन में…। लेकिन पहिले साकेन का परिचय दे दिया जाय तो अच्छा होगा। नकशे में ढूँढ़ने की आवश्यकता नहीं है। नकशे का मापदंड इस स्थान का परिचय देने के लिए बहुत छोटा सावित होगा। पर इससे साकेन-निवासियों को कोई परेशानी नहीं होती। हाँ, यदि आप को अबरवाजिया का मानचित्र मिल जाय तो आप साकेन को अवश्य ढूँढ़ निकालेंगे।
प्रकृति ने स्वयं ही इस सुन्दर और रम्य स्थान को दुनिया से छिपा रक्खा है। अन्त में काकेशियन पर्वतमाला है, पूरब में गौगो की ऊँची चोटियाँ हैं, पश्चिम में क्लीच की हिम-किरीटनी श्रृंखला है। साकेन इनके भीतर बन्द है। पर दक्षिण में…! दक्षिण से साकेन तक पहुँचने के लिये नौ दुर्गम दरों से होकर जाना पड़ता है और हरहराती हुई आठ पहाड़ी नदियां पार करनी पड़ती हैं। पिछले से अगला प्रवेशद्वार अधिक दुर्गम होता जाता है। बाहर वालों के लिये तो साकेन परियों की कहानियों का गाँव बन गया है। लेकिन साकेन का गाँव फिर भी जीवित है, वास्तविक है और फूलता फलता है। जिन्होंने काकेशस के पहाड़ों की सैर की है, वे क्लूखोर दरें के नाम से भी परिचित हैं। वे उस सड़क से भी परिचित हैं जो समुद्र तक ज्ञाती है। यह सड़क गौंद्रा और कोदर नदियों के किनारे जाती है। ये दोनों नदियां बड़ी भयानक हैं। गौंद्रा और कोदर के संगम पर आने वाली ठंढी पहाड़ी वायु की महक से भी ये परिचित होंगे। ये ठंढी हवायें साकेन से ही आती हैं। साकेन का गाँव बहुत पुराना है। कहते हैं, लाखों वर्ष पहिले जब भूमंडल पर समुद्र तल ऊँचा होकर स्थल बनना शुरू हुआ था, तभी से साकेन आबाद हो चला था। किसी को यह ज्ञात नहीं है कि आदमी सब से पहिले साकेन में कब आये और कैसे आये ? केवल यही निश्चित है कि साकेन की बस्ती बहुत पुरानी है। लगभग चालीस वर्ष पहिले सुख्मी नगर-पालिका का एक सदस्य, जो तपेदिक का रोगी था, साकेन में शुद्ध वायु और बकरी का दूध सेवन करने के लिये आया था। इसे दोनों ही वस्तुयें बिना दाम और बहुतायत से मिल गई । गाँवों का अपना तरीका होता है। गाँव वाले अतिथिसत्कार का विशेष ध्यान रखते हैं। यह व्यक्ति कभी-कभी बहुत उदास और चिन्तित रहता था। ऐसे वक्त पर वह बातें बहुत कम किया करता था। कभी कभी वह रात भर न सो कर बैठा-बैठा लिखता रहता था। गाँव वालों से बातचीत के दौरान में वह जार और दूसरे राजकुमारों की बुराइयाँ करता था। ..आगे पुस्तक से परे।
Hindi ebook pdf Naya Vasnt (नया वसन्त)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *