Niryatan by Bhagvati Prasad Vajpai Hindi ebook to pdf

Advertisement

Niryatan (निर्यातन) by Bhagvati Prasad Vajpai Hindi ebook to pdf file

Niryatan by Bhagvati Prasad Vajpai ebook
e-book novel- Niryatan (निर्यातन)
Author- Bhagvati Prasad Vajpai
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 194
Size- 10mb
Quality- nice, without any watermark

Advertisement

गम्भीरता उच्च चरित्र का एक ऐसा लक्षण है, जो छिपाए नहीं छिपता, यद्यपि रहता वह सदा शान्त, मूक और प्रच्छन्न है।
मल्लिका बड़े लाड़-प्यार में पाली गई थी । जब वह दस वर्ष की थी, और उसे संसार का कुछ भी ज्ञान नहीं हो पाया था, तभी उसके माता-पिता का स्वर्गवास हो गया था । उसके पिता तीस सहस्त्र रुपये की जायदाद छोड़कर स्वर्गवासी हुए थे। पहले पहल जब उसे अपना और अपने जगत का ज्ञान हुआ, तब उसे किसी प्रकार का कष्ट न था। वह बालिका-विद्यालय में पढ़ती थी और अपनी कक्षा में सबसे अधिक गंभीर समभती जाती थी ।
मल्लिका के एक भाई था रमाशरण । अपने सामने ,एक बड़ा उद्देश्य…एक महान् आदर्श रखने वाले व्यक्ति सदा कर्मठ होते हैं। रमाशरण इसका अपवाद था । रसना-तृति के क्षेत्र में वह बड़ा यशस्वी था और स्वभाव का भी उदार और सुशील था। एक बात और थी: इन गुणों के साथ-साथ वह अपव्ययी और अदूरदर्शी भी था। परिश्रम करके या किसी काम-काज में लगकर जीवन-निबाह करना तो वह जानता ही न था । तिस पर उसकी महत्वाकांक्षाएँ कम बलवती न थीं। वह रईसों की तरह दिन-रात आमोद-प्रमोद में लीन रहता था। यदि कभी उसे सार्वजनिक सेवा करने का अवसर मिलता, तो उसमें भी वह अपनी उदारता के बल पर मान और प्रतिष्ठा में सबसे आगे रहने की चेष्टा करता | किताब से बाकी हिस्सा पढ़ें..
Hindi ebook to pdf Niryatan

One thought on “Niryatan by Bhagvati Prasad Vajpai Hindi ebook to pdf

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *