Arogya Manjiri (आरोग्य मंजरी) by Bedprakash Shastri Hindi ebook pdf
e-book name- Arogya Manjiri (आरोग्य मंजरी)
Author- Bedprakash Shastri
Book Type- health knowledge
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 78
Size- 6mb
Quality- good, without any watermark
कुछ बातें-
वेदों में “शतं जीवेम शरदः” कहकर मानव की आयु का ही निर्देश नहीं किया गया अपितु मानव को यह उपदेश दिया गया है कि अपनी पूर्ण आयु का उपभोग करने के लिए आयुर्वेद के सभी नियमों को जीवन में ढालना आवश्यक है।
हमारे महर्षियों ने मानव को भूलों का आगार समझते हुए ऋतुचर्या-दिनचर्या आदि की व्यवस्था की है। काल का विभाजन संवत्सर में करने के बाद ऋतुचर्या के दो भाग सूर्य की गति के आधार पर किए गए हैं। इनमें पहला है विसर्गकाल (दक्षिणायन) यह सौम्य और स्वास्थ्यअभि वृद्धि के लिए अनुपम है। दूसरा आदान काल या उत्तरायण है जो स्वास्थ्य के लिए निकृष्ट है क्योंकि-
“आदानं पुनराग्नेयं तावेतवर्क, वायु सोमश्च काल स्वभाव मार्ग परिग्रहीताः कालचुरसो देहावना निवृत्ति प्रत्यय भूता समुपदिश्यते । तत्ररविर्भाभिरादतेदानो जगतः रनेहं वायवस्ती रूक्षाश्चीप शोषयन्त शिशिर वसन्ते-ग्रीष्मे यथा क्रमं शैक्ष्यं युत पादयन्तो रुथान रस्रांन तिक्त कषाय कटुकांश्चाभि वर्द्धयन्तो नृणां दौर्बल्यं मा वहन्ति’-च. सू. ।… पुस्तक से आगे पड़े..
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