Bachchon Ke Sau Natak (बच्चों की सौ नाटक) pdf

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Bachchon Ke Sau Natak (बच्चों की सौ नाटक) Hindi book pdf
Writer- Various eminent authors (विभिन्न प्रख्यात लेखक)
Edited by- डॉ. हरिकृष्ण देवसरे
Book Type- बच्चों के लिए हिंदी नाटक पुस्तक
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 610
Size- 28Mb
Quality- good, without any watermark

Bachchon Ke Sau Natak (बच्चों की सौ नाटक)

इस नाटक की पुस्तक के बारे में कुछ शब्द-

नाटक से मनोरंजन के साथ साथ जीवन की सम्यक अभिव्यक्ति संभव मानी गई हैं। पं० सीताराम चतुर्वेदी ने बच्चों के नाटकों का मुख्य उद्देश्य ‘अवसर के अनुकूल आचरण सिखाना, साथ ही मानवस्वभाव और मानवचरित्र का अध्ययन करना, भावों को व्यक्त करना, सम्यक रीति से उच्चारण करना, बोलना और अभिनय सिखाना’ माना है। किंतु नाटकों का एक प्रमुख उद्देश्य मनोरंजन करना भी है। पीटर स्लेड का मत है : ‘नाटक का अर्थ है क्रिया और संघर्ष । यह बहुत बड़ी क्रिया है। जहां कहीं भी जीवन है, वहां यह कभी नहीं रुकती। इसका मानसिक स्वास्थ्य से आंतरिक संबंध होता है । यह जीवन जीने की कला है। यह तभी कार्य करती है जब भावात्मक पक्ष वास्तविकता के साथ अनुकूल रूप में होता है।’
बच्चों को अपने नाटकों के लिए अपने बड़ों पर निर्भर करना पड़ता है। जब कभी भी बच्चों को नाटक खेलने की आवश्यकता होती है, तब अच्छे नाटक का चुनाव एक समस्या बन जाता है। यह ‘अच्छा नाटक’ क्या है ? वास्तव में बच्चे ऐसे नाटक को अधिक पसंद करते हैं जिसमें उनका भरपूर मनोरंजन तो हो ही, साथ साथ वे उसे अपने सीमित साधनों में ही मंच पर प्रस्तुत कर सकें, उसके संवाद सरल और कंठस्थ किए जा सकने वाले हों तथा दर्शकों को वह अपने साथ लेकर चले।
और इसे ध्यान में रखते हुए, नाटकों के इस संग्रह को प्रकाशित किया गया है। यहां सौ बच्चों के नाटक हैं।

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एकांकी बाल नाटक संग्रह

इस संकलन के सभी एकांकी जहां बालसाहित्य की इस विधा की समृद्धि के सूचक हैं, वहीं इसके विकासक्रम का भी परिचय देते हैं। इनके चयन में विषयों की विविधता, शैलीगत प्रयोगों और बच्चों के लिए इनकी उपयोगिता को तो ध्यान में रखा ही गया है, साथ ही यह भी देखा गया है कि बच्चों के लिए ये किस सीमा तक अभिनेय हैं। हिंदी में रचित बालएकांकियों की प्रतिनिधि रचनाओं के इस मंकलन में यथासंभव उनका रचनावर्ष भी दे दिया गया है। हिंदी के बालएकांकी आज जिस स्थिति में हैं, वह निश्चित ही उत्साहजनक स्थिति है। इससे हमारे सुधी पाठक निश्चय ही सहमत होंगे।- हरिकृष्ण देवसरे

Dear readers, collect Hundred Plays For Children book-

प्रिय पाठकों!, इस बच्चों के लिए सौ नाटकों का हिंदी पुस्तक को इकट्ठा करें और पढ़ने का आनंद लें।
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इस पुस्तक के मूल स्त्रोत के बारे में जान सकते हैं, यहां से
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