Hum To Mahobbat Karega (हम तो मोहब्बत करेगा) by Krishan Chandar Hindi free ebook pdf
मेरा दोस्त आधा सेब मुंह में डालकर कहता है, ‘तो जाने दीजिए कोई और होंगी । आ जायगे सिनेमा देखकर वे लोग।” इस यातचीत के वाद मेरा दोस्त नाशपाती काटने में तल्लीन। हो जाता है और मेरी पत्नी मायके जाने के लिए सामान वाँधने में लग जाती है। घोड़ी देर के वाद उसकी सिसfकयों की धीमी-धीमी आवाज मेरे दोस्त के कानों में पड़ती है और ग्राप बड़ी प्रसन्नता और निश्चिन्तता से सान्त्वना देने लगे हैं : “घबराइए नहीं भाभी, जीवन में ऐसा ही होता है।” ‘भाड़ में जाय ऐसी जिन्दगी !” “सम्भव है। भाभी, मुझे धोखा हुआ हो।” “नहीं जी ! मैं सब समझती हैं; वह हैं ही ऐसे ।” “मान लीजिए कि ऐसे ही हैं। भाभी, फिर भी उन्हें सन्मार्ग पर लाना आपका काम है।” “यहाँ मैंने कोई स्कूल नहीं खोल रखा है ” , “भाभी, आप भी गजब करती हैं। आप ही ने उन्हें इतनी ढील दे रखी है, वरना वह यों उच्छ खल न होते । सच कहता हैं भाभी, जब तुम्हारी सूरत देखता हूँ तो कलेजा मुंह को आता है। कहने को तो वह मेरा दोस्त है. मगर मैं उसका यह अत्याचार नहीं देख सकता । मैं उसको हजार चार समझाता हैं, लेकिन क्या करूं..
e-book name- Hum To Mahobbat Karega (हम तो मोहब्बत करेगा)
Author- Krishan Chandar
File format- PDF
PDF size- 4mb
Pages- 196
Quality- good, no watermark
Hindi free ebook pdf Hum To Mahobbat Karega