Mere Gurudev (मेरे गुरुदेव) by Swami Bibekananda Hindi free pdf ebook download
(स्वामी विवेकानन्दजी द्वारा न्यू यार्क में दिया हुआ भाषण)
भगवान् श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में कहा है “जब जब धर्म का हरास होता है तथा अधर्म की बढ़ती होती है, तब तब मनुष्यजाति के उद्धार के निमित्त में अवतार लेता हूँ।” जब कभी हमारे इस संसार में क्रमागत परिवर्तन तथा भिन्न भिक्ष परिस्थितियों के कारण नये नये सामाजिक शक्ति-सामंजस्य की आवश्यकता होती है, उस समय एक शक्तितरंग आती है और मनुष्य के आध्यात्मिक तथा भौतिक क्षेत्रों में विचरण करने के कारण इन दोनों क्षेत्रों में ही इस तरंग का प्रभाव पड़ता है। एक बोर भौतिक क्षेत्र में आधुनिक समय में प्रधानत: यूरोप ने ही सामंजस्य स्थापित किया है और दूसरी ओर आध्यात्मिक क्षेत्र में सारे संसार के इतिहास में एशिया ही समन्वय का मुख्य आधार रहा है। आगे पढ़िए..
e-book name- Mere Gurudev (मेरे गुरुदेव)
Author- Swami Bibekananda
File format- PDF
PDF size- 2mb
Pages- 56
Quality- good, no watermark
Hindi free pdf ebook download Mere Gurudev (मेरे गुरुदेव)