Mahe Muharram aur Waqia-e-Karbala (माहे मुहर्रम और वक़िया-ए-कर्बला) pdf

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Mahe Muharram aur Waqia-e-Karbala (माहे मुहर्रम और वक़िया-ए-कर्बला) Islamic Hindi eBook pdf
Book name- ‘Mahe Muharram aur Waqia-e-Karbala (माहे मुहर्रम और वक़िया-ए-कर्बला)’
Book Type- इस्लामी हिंदी किताब/Muslim Religious Book
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 34 (Double Pages)
Size- 15 Mb
Quality- good, without any watermark,

Mahe Muharram aur Waqia-e-Karbala (माहे मुहर्रम और वक़िया-ए-कर्बला)

तारीखे इस्लाम के चन्द अजीम बाके आत
1.3 हि. में शहीदों के सरदार रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के चचा सय्यदना हमज़ा रजि. की शहादत हुई। आप रजि.के क़ातिल को माफ करने के बाद भी रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को अपने चचा की शहादत का इतना ग़म था कि आप उनके कातिल का चेहरा नहीं देख पाते थे।
2.11 हि. में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की वफात हुई।
3.23 हि. में नमाजे फजपढ़ाते हुए अमीरुल मोमिनीन उमर रजि. को शहीद किया गया।
4.35.हि. में उस्मान रजि. की 40 दिन की घेराबन्दी में 3 दिन बगैर पानी के सिर्फ नियत से रोजा रखने के बाद शहीद कर दिया गया जिस वक्त कि आप कुरआन की तिलावत कर रहे थे।
5.40हि. में सय्यदना अली रजि. को नमाज़े फज़ पढ़ने जाते वक्त इठने मुल्जिम अल हिमयारी नामी शख्स ने शहीद किया। आपका कातिल आपके कत्ल को अल्लाह की रजा का जरीया समझता था।
6.61 हि. में सय्यदना हुसैन रजि. को कर्बला के मैदान में शहीद किया गया।

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