Manushya Jeevan Ki Safalta (मनुष्य-जीवनकी सफलता) by Jaydayal Goyandka ebook pdf

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Manushya Jeevan Ki Safalta (मनुष्य-जीवनकी सफलता) by Jaydayal Goyandka Hindi ebook pdf

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ebook name- Manushya Jeevan Ki Safalta (मनुष्य-जीवनकी सफलता)
Writer name- Jaydayal Goyandka
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 372
Size- 12mb
Quality- excellent, without any watermark

मनुष्यका यह कर्तव्य है कि वह अपनी सर्वाङ्गीण उन्नति करे। अतएव पहले यह विचार करना है कि उन्नति क्या वस्तु है और उसका प्राथमिक और अन्तिम खरूप क्या है तथा सक्षेपमें उसके कितने प्रकार हैं। हमारे शास्रकारोंने यह निर्णय किया है कि एक धर्म ही समस्त उन्नतियोंका केन्द्र है। इसीलिये सक्षेपमें धर्मका लक्षण बतलाते हुए कहा गया है।
‘जिससे अभ्युदय ( सर्वविध उन्नति ) और नि.श्रेयस (परम कल्याण-मोक्ष ) की सिद्धि हो, वह धर्म है। इससे यह सिद्ध होता है, लौकिक उन्नतिसे लेकर पारमार्थिक उन्नतितक सभी इस धर्मके अन्तर्गत हैं। अब यहाँ संक्षेपसे उसके प्रकारोंपर विचार करें। मेरी समझसे आरम्भसे अन्ततक इसके दस प्रकार बताये जा सकते हैं
१. शारीरिक उन्नति ।
२. भौतिक उन्नति ।
३. ऐन्द्रियिक उन्नति ।
४. मानसिक उन्नति ।
५. बौद्धिक उन्नति ।
ebook pdf of Manushya Jeevan Ki Safalta

One thought on “Manushya Jeevan Ki Safalta (मनुष्य-जीवनकी सफलता) by Jaydayal Goyandka ebook pdf

  1. कृपया और पुस्तकें भी अपलोड कीजिये। राम राम

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