Pooranik Kosh (पौराणिक कोश) by Ramprasad Sharma Hindi ebook pdf

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Pooranik Kosh by Ramprasad Sharma Hindi ebook pdf file

Pooranik Kosh by Ramprasad Sharma

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ebook name- Pooranik Kosh (पौराणिक कोश)
Writer name- Ramprasad Sharma
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 579
Size- 43mb
Quality- excellent, without any watermark

वेद, पुराण, रामायण, महाभारत आदि ग्रंथ अनन्तकालसे इस देश के निवासियोंके जीवन को अपने आदर्श पुरुषोंके चरित्रों से प्रभावित करते आ रहे हैं। हिन्दी साहित्य में हमारे धार्मिक ग्रंथोंके पात्रों तथा कथाओं का सर्वत्र उल्लेख मिलता है। ऐसे स्थलोंको समझने में पाठकॉको बड़ी कठिनाई पड़ती है। उन्हें यथार्थ अर्थ जानने के लिए विद्वानोंकी शरण लेनी पड़ती है, फिर भी प्रायः निराश ही होना पड़ता है। क्योंकि प्रकाण्ड विद्वानोंके लिए भी यह सम्भव नहीं है कि उन्हें सारी कथाएँ सदा याद रहें। ऐसी स्थितिमें यह अत्यन्त आवश्यक है कि प्राचीन पात्रों और कथाओं का वर्णानुक्रमिक संग्रह कोश के रूप में पाठकोंके समक्ष उपस्थित किया जाय । उसी आवश्यकता की पूतिके लिए प्रस्तुत कोशकी रचना ‘पौराणिक कोश’के नामसे की गयी है। मराठी, गुजराती तथा बंग साहित्यमें इस अभावकी पूर्ति बहुत पहले की जा चुकी है। हिन्दी जगत् में भी कतिपय साहित्यानुरागियोंने इसकी पूर्तिके लिए प्रयास किया है, तथापि प्रस्तुत कोशकी नितान्त आवश्यकता थी, इसका अनुभव पाठकगण अवश्य करेंगे।
इस कोशमें पुराणादिके पात्रों, स्थानों तथा कथाओं का परिचय दिया गया है। प्रमुख पात्रोंका परिचय विस्तृत रूपसे तथा साधारण पात्रोंका परिचय संक्षिस रूपसे देनेका प्रयास किया गया है। इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि ग्रंथका कलेवर इतना अधिक न बढ़ जाय कि पाठकोंके लिए उसे क्रय करना दुरूह हो जाय। पात्रोंका विस्तृत परिचय जाननेके लिए ग्रंथका नाम, अध्याय तथा श्लोक संख्याका उल्लेख कर दिया गया है। कौनसी कथा कहाँ-कहीं किन-किन ग्रंथोंमें है, इसका भी उद्धरण दे दिया गया है। इस कोशसे पाठकगण हिन्दी साहित्य अथवा संस्कृत साहित्यमें वर्णित कोई भी अन्तर्कथा सरलतासे जान-समझ सकेंगे । परिशिष्टमें दी गयी अप्रचलित भौगोलिक नामोंकी अकारादि क्रमसे व्याख्या सहित सूची, संक्षिप्त व्याख्या सहित बौद्ध धर्म, जैन धर्म, इस्लाम धर्म, ईसाई और पारसी धर्मके कुछ ऐसे प्रचलित शब्द जिनके प्रयोग हिन्दी साहित्यमें किये गये हैं, कौरवों-पाण्डवों का वंशवृक्ष, चन्द्रवंशी क्षत्रियाँका वंशवृक्ष, सूर्यवंशी क्षत्रियोंका वंशवृक्ष, कालिदासके वर्णनानुसार श्री रामचन्द्रका वंशवृक्ष अादि सामग्री कहीं-कहीं उत्पन्न होनेवाली उलझनों को सुलझानेमें सहायक होगी।
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