Volga Se Ganga (वोल्गा से गंगा) by Rahul Sankrityayan Hindi book pdf file.
e-book name- Volga Se Ganga (वोल्गा से गंगा)
Writer name- Rahul Sankrityayan
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 386
Size- 15mb
Quality- good, no watermark
मानव आज जहाँ है, वहाँ प्रारम्भमें ही नहीं पहुँच गया था, इसके लिये उसे बड़े बड़े संघषोंसे गुजरना पड़ा। मानव समाजकी प्रगतिका सैद्धान्तिक विवेचन मैंने अपने ग्रन्थ ‘मानव समाज’ मे किया है। इसका सरल चित्रण भी किया जा सकता है, और उससे प्रगतिके समझनेमें आसानी हो सकती है, इसी ख्यालने मुझे ‘वोल्गासे गंगा”। लिखनेके लिये मजबूर किया। मैंने यहाँसे हिन्दी-युरोपीय जातिकी लिया है, जिसमे भारतीय पाठकोंको सुभीता होगा। मिश्री सुरियानी या सिन्धु-बाति, विकासमें, हिन्दी-युरोपीय जातिसे सहस्राब्दियों पहिले अग्रसर हुई थी, किन्तु उनको लेने पर लेखक और पाठक दोनोंकी कठिनाइयाँ बढ़ जातीं।
मैंने हर एक कालके समाजकी प्रामाणिक तौरसे चित्रित करनेकी कोशिश की है, किन्तु ऐसे प्राथमिक प्रयल मे गलतियाँ होना स्वाभाविक हैं। यदि मेरे प्रयवने आगेके लेखकोको ज्यादा शुद्ध चित्रण करनेमे सहायताकी, तो मैं अपनेको कृतकार्य समझेगा।
‘बखुलमज्ञ’के (बुद्ध):काल पर मैने एक स्वतंत्र उपन्यास‘सिह सेनापति” लिखा है। – राहुल सांकृत्यायन
राहुल सांकृत्यायन, वह था, भारत में एक प्रसिद्ध पर्यटक, बौद्ध शास्त्र और विभिन्न शास्त्रों का विद्वत्तापूर्ण। वह अपने जीवन के 45 साल बिताए विभिन्न स्थानों में यात्रा के लिए।
Collect the book PDF or Read it Online
Hindi book pdf Volga Se Ganga