Bharatiya Jyotish (भारतीय ज्योतिष)- Nemi Chandra Shastri download ebook pdf

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Bharatiya Jyotish- Nemi Chandra Shastri

e-book name- Bharatiya Jyotish (भारतीय ज्योतिष)
Author- Nemi Chandra Shastri (डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री)
Book Type- astrology book
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 454
Size- 26mb
Quality- best, without any watermark

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प्रस्तुति-
ज्यातिषशास्त्र भारतीय विद्या का महत्त्वपूर्ण अंग है, विशेषकर इसलिए कि एक ओर तो आचार्य इसे पराविद्या की कोटि में ला दिया और दूसरी ओर इसका प्रवेश सर्वसाधारण
के जीबन में इस सीमा तक व्याप्त हो गया कि शुभ घड़ी, लग्न और मुहूर्त-शोधन दैनन्दिन जीवन के अंग बन गये। पंचांग के तत्त्चों का ज्ञान चाहे सर्वसाधारण को भी न हो किन्तु ज्योतिषीयों द्वारा नियोजित अनेकों पंचांग उत्तर में और दक्षिण में अपनी-अपनी पद्धति के अनुसार प्रचलित हैं, मान्य हैं। राशि-फल का तो वैज्ञानिक कहे जानेवाले आज के युग में इतना व्यापकता से प्रसार हो गया है कि अनेक ‘बौदिक’ व्यक्ति भी पत्र-पत्रिकाओं के भविष्य-फल’वाले अंश को खुले तौर पर, और कुछ लोग प्रच्छन्न रूप से देख लेते हैं। विशिष्ट धातु-निर्मित और नगीनों-जड़ी मुद्रिकाओं के प्रभाव को वे लोग भी कभी-कभी मानते देखे गये हैं, जो अन्तरिक्ष में उड़ान भरते हैं। जहाँ तक प्रस्तुत ग्रन्थ “भारतीय ज्योतिष’ का प्रश्न है ईसे ज्योतिषशास्त्र के अध्ययन की दृष्टि से विद्वानों द्वारा सर्वाधिक मान्यता प्राप्त हुई, और इसका प्रमुख कारण है ग्रन्थ में सर्वसाधारण की समझ के योग्य ज्योतिष सम्बन्धी सब प्रकार की विषय सामग्री का स्पष्ट रूप से रोचक शैली में प्रस्तुतीकरण।
स्वर्गीय डॉ. नेमिचन्द्र ज्योतिषाचार्य देश के उन गिने-चुने विद्वानों में से थे जिनके ज्ञान का क्षेत्र बहुत व्यापक था। संस्कृत, प्राकत, अपभ्रंश, अर्धमागधी आदि प्राचीन भाषाओं में प्राप्त दर्शन, साहित्य, इतिहास, पौराणिक गाथाओं का उत्स आदि अनेक विषयों के वह पारंगत विद्वान थे। भाषाशास्त्र का उनका पाण्डित्य भी विलक्षण था।
यह ग्रन्थ ज्योतिषशास्त्र के इतिहास का दिग्दर्शन कराता है। ज्योतिष के सारे सिद्धान्तों का विवेचन करता है, प्रमुख ज्योतिर्विदों का ऐतिहासिक क्रम से परिचय प्रस्तुत करता है और विवेचन विषयक दृष्टि की व्यावहारिकता इस कौशल से साधी है कि मननपूर्वक स्वाध्याय और अभ्यास करनेवाला व्यक्ति स्वयं कुण्डलियाँ बना सकता है, भाग्यफल प्रतिपादित कर सकता है। इष्ट-अनिष्ट के मूलभूत कारणों को और उनके क्रियान्वयन की प्रक्रिया को इतनी सहजता से समझानेवाला और कोई ग्रन्थ दुर्लभ है। सारणियाँ और सारणियों का संयोजन इस ग्रन्थ की विशेषता है।
भारतीय ज्ञानपीठ के गौरव-ग्रन्थों में इसका प्रकाशन अपना विशिष्ट स्थान रखता है। डॉ. नेमिचन्द्र ज्योतिषाचार्य की स्मृति का यह एक उज्ज्वल निकष है।- प्रकाशक

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