Devyani (देवयानी) by Yagyadutt Sharma Hindi novel pdf
e-book novel- Devyani (देवयानी)
Author- Yagyadutt Sharma
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 132
Size- 9mb
Quality- nice, without any watermark
नमूना कहानी-
भारत-भूमि पर आर्यों और अनायाँ का परस्पर संघर्ष बड़ी तीव्र गति के साथ चल रहा था। आर्य-शक्ति ह्रासोन्मुख थी और अनार्य-शक्ति देश में प्रबल होती जा रही थी। अनार्यों का आयों पर, जहाँ भी संघर्ष छिड़ता था, विजय होती थी । आर्य राजा यह देखकर भयभीत हो उठे थे। उन्हें अपने सर्वनाश की आशंका होने लगी थी और लगने लगा कि भारत-भूमि पर अनार्यों का साम्राज्य छा जायगा।
इस समय प्रार्य-शक्ति के मुख्य संचालक युवराज ययाति थे और अनार्य-शक्ति के महाराज वृषपर्वा। दोनों ही बहुत पराक्रमी राजा थे परन्तु वृषपर्वा को अपने गुरु शुक्राचार्य का दिशादर्शन प्राप्त या । आचार्य शुक्राचार्य अपने समय के महान् राजनीतिज्ञ, समाज-शास्त्री और धर्माचार्य थे। तीनों विद्याओं का अनुपम सामंजस्य विधाता ने उनमें स्थापित किया था, जिससे उन्होंने अपनी नीति द्वारा संचालित अनार्यराज्यों में संजवनी शक्ति का संचार किया । अनार्य-राज्यों को श्री शुक्राचार्य की विद्याओं ने अपूर्व शक्ति प्रदान की और उसीके फलस्वरूप इन्होंने आर्य-शक्तियों को त्रस्त कर दिया । अनायों की विजय-पताकाएँ देश के कोने-कोने में फहराती दिखलाई दीं और आर्यों के दिल बुझने लगे। उनका साहस क्षीण होने लगा और वे अपने उद्धार का मार्ग सोचने लगे।
आर्यों के राज्याचार्य सतयुगी समय के संत गुरु वृहस्पति थे। यह बहुत ही सरल स्वभाव के सात्विक ब्राह्मण थे। धर्म-नीति के प्रकांड पंडित थे, समाज-शास्त्र के भी आचार्य थे, परन्तु राजनीति के आधुनिकतम रूप में प्रवेश करने की उनकी प्रवृत्ति नहीं होती थी। इसीलिए यह शुक्राचार्य की राजनीति के सम्मुख बराबर हारते जा रहे थे।..
उपन्यासकार- यज्ञदत शर्मा
Hindi novel pdf Devyani (देवयानी)