Sakharam (सखाराम) by Madarilal Gupt Hindi novel pdf
e-book novel- Sakharam (सखाराम)
Author- Shri Madarilal Gupt
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 212
Size- 5mb
Quality- nice, without any watermark
वृद्ध विवाह के स्वामाविक दुष्परिणामों को लक्ष्य कर लिखा हुआ एक मौलिक और सामाजिक उपन्यास ।
माजिक कुरीतियों केा लक्ष्य कर ही हमारे यहां से पुस्तकें प्रकाशित हो रही हैं। हमें इस घात का वास्तव में हर्ष है कि जनता की निगाह में पहिले की अपेक्षा आज ऐसी पुस्तकों का कहीं ज़्यादा मान है। और ऐसी पुस्तकों के द्वारा भारत का सच्चा हित भी हो रहा है। अस्तु। वर्तमान पुस्तक भी वृद्ध विवाह के दुष्परिणामों का स्वाभाविक चित्र सोचा, गया है। निर्धन पिता की कन्या का भाग्य हमारे समाज में कैसा है, किस प्रकार उसे येवा जाता है और इससे समाज में क्या क्या ख़रावियाँ उत्पक्ष हो जाती हैं, लेखक ने इन्हें खाभाविक रूप में जनता के सामने रखने का प्रयक्ष किया है। अन्त में लेखक ने यह भी दिखाया है कि इस प्रकार की घटनाओं से सबक सीख कर जनता इन्हें दूर करने का प्रयज्ञ करे तो इससे समाज केा अपार लाभ पहुंच सकता है। और शीघ्र ही घहुत सी कुप्रथाप नष्ट हो सकती हैं। तारा नाम की वालिका के सदेश प्रेम और खार्थ त्याग से पाठिकाए वहुत कुछ सीख सकती हैं। रुपया तथा सयाराम को सचव रित्रता भी प्रशंसनीय रही हैं। रुपया का सखाराम पर जो अनुचित प्रेम दिखलाया गया है वह विलकुल स्वामाविक है। यदि वृढ़े दीनानाथ अपना विवाह न करके अपने माई सखाराम का विवाह रुपया से कर दिए होते तो यही परिवार कितना सुखी होगया होता यह पाठकगण कल्पना करके ही देख सकते हैं। इस पुस्तक का आदर्श है पाओं का पश्चाताप करना और समाज सेवा में लग जाना । प्रत्येक पात्र के चरित्र से कुछ न कुछ शिक्षा मिलती है।
यदि पुस्तक पाठकों केा पसन्द आई अथवा इसके द्वारा समाज का कुछ भी उपकार हो सका तो हम अपने परिश्रम’ केा सफल समझेगी tऔर शीघ्र ही अन्य पुस्तके प्रकाशित कर पाठकों की भेंट करेंगी। —विद्यावती सहगल, सञ्चालिका
Hindi novel pdf Sakharam (सखाराम)