Gitanjali by Rabindranath Tagore in Hindi ebook pdf

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Gitanjali (गीतांजलि) by Rabindranath Tagore in Hindi ebook pdf file.

hindi gitanjali by rabindranath tagore
e-book name- Gitanjali (गीतांजलि)
Author- Rabindranath Tagore
Translated by- Mahashoy Kashinath
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 130
PDF Size- 3mb
Quality- good, no watermark

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महाकवि सर रवीन्द्रनाथ ठाकुर की जगत्प्रसिद्ध पुस्तक “गीतांजलि” का हिन्दी अनुवाद
वर्तमान भारतीय साहित्यिकों में ढाक्टर सर रवीन्द्र नाथ का स्थान सबसे ऊँचा है। अर्वाचीन भारतीय कवियों में केवल आपकी प्रतिभा के सामने सारे देश ने ही नहीं, किन्तु सारे संसार ने सिर झुकाया है। ‘आँख की किरकिरी’, ‘नौका डूवी’, ‘गोरा’, ‘घर बाहर’ आदि उपन्यासों ने ‘नैवेद्य’, ‘खेया’ आदि काव्य ग्रन्थों, ‘रक्तकवरी’, ‘मुक्तधारा’ आदि नाटकों और अनेक लेखों और अख्यायिकाओं द्वारा आपने साहित्य का उपकार किया है। पर वह ग्रन्थ जिसने आप को संसार भर में प्रसिद्ध कर दिया, जिसके कारण आप को सवा लाख रुपये का नोविल प्राइज्ञ नामक पारितोपिक मिला, जिस पर ईट्स, राथेन्सटेन और एन्ड्रयूज ऐसे महानुभाव मुग्ध हो गये, और जो आपके सारे ग्रन्थों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है, वह है ‘गीतांजलि”। हमने बैंगला गीताञ्जलि की तुलना अंग्रेजी गीताब्जलि से की है। हम कह सकते है कि कई अशों में अंग्रेजी गीताञ्जलि बैंगला गीताव्जलि से बढ़ी चढ़ी है। यह पुस्तक उसी गीताञ्जलि का हिन्दी अनुवाद है। रवीन्द्र बाबू बंगाली हैं, और बँगला साहित्यसेवी हैं। पर आपकी अंग्रेज़ी बडी अलंकृत और चमत्कारिक है। उसे देखकर आप नही कह सकते कि वह एक बड़े अंग्रेज लेखक की भाषा नही है। फिर, रवीन्द्र वावृ की लेखनशैली बड़ी अटपटी और अलंकार पूर्ण होती है। मुहावरों की तो झडी वेंध जाती है। ऐसी भाषा का हिन्दी उल्था करना सहज नही । एक तो सूक्ष्म भावो के लिए हिन्दी में शब्द कठिनना से मिलते हैं, दूसरे वर्तमान लेखक भाषा पर प्रभुत्व रखने का दावा नही कर सकता।..

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इस पुस्तक के मूल स्त्रोत के बारे में जान सकते हैं, यहां से
Hindi ebook pdf of Gitanjali

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