Hirni (हिरनी) by Chanddarkiran Sonreksa pdf

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Hirni (हिरनी) by Chanddarkiran Sonreksa, Hindi Kahani Book pdf
Book name- ‘Hirni (हिरनी)’
Author- Chanddarkiran Sonreksa (चन्द्रकिरण सौनरेक्सा)
Book Type- Hindi Story Book (कहानी)
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 28
Size- 1 Mb
Quality- good, without any watermark

Hirni (हिरनी) by Chanddarkiran Sonreksa

श्रीमती चन्द्रकिरण सौनरेक्सा का जन्म 19 अक्तूबर, 1920 में नौशेरा, पेशावर में हुआ। इनकी पढ़ाई-लिखाई घर पर ही हुई। ये हिन्दी के अलावा बंगला, उर्दू और गुजराती भाषा पर भी अधिकार रखती थीं। इनकी कहानियों में मध्यवर्ग की घुटन में छटपटाती और अभिजात वर्ग के झूठे आग्रहों में फंसी स्त्रियों के वास्तविक एवं सच्चे चित्र उभरे हैं। इन कहानियों में स्त्रियों के छोटे-बड़े विद्रोहों की कथा और उनके न पहचाने गए मानवीय सार की छवियाँ मौजूद हैं। इनकी रचनाओं में आधुनिक युग की कशमकश, विषमताओं, भेदभाव, असन्तोष, प्रेम-घृणा और आशा-निराशाओं के बीच एक स्त्री-व्यक्तित्व झलकता है। आज अनेक जागरूक महिला लेखिकाओं की परम्परा के सूत्र इनकी रचनाओं में मिलते हैं । चन्द्र किरण सौनरेक्सा की रचनाओं की पहचान आजादी के बाद ही हो सकी। हिन्दी के परम्परावादी आलोचक उनके साथ न्याय नहीं कर सके। रोहतक के गाँव की ठेठ देहाती लड़की उनकी कहानी में कहती है, जहाँ पाप बसता है, वहाँ पर्दा होता है । ढोंग पर टिके परम्परावादी समाज पर यह टिप्पणी जिस उन्मुक्त देहाती लड़की ने की उसे कैसे मिटाया जाता है, यह कहानी में भी मौजूद है और हमारे समाज में भी। यह लड़की हिन्दू भी हो सकती है और मुसलमान भी। हमारे नवपाठक इस लड़की की स्वाभाविक मानवीयता को पहचानें। उसकी खुशी और अभिव्यक्ति को हम कैसे बचायें? अपनी लड़कियों को घुटन में रखकर, उनकी स्वाभाविक इच्छाएँ कुचलकर, उन्हें पर्दे में बाँधकर क्या हम एक शिक्षित समाज बना सकते हैं? नवपाठक इस पर भी विचार करें। सोच-विचार का यह मौका उन्हें ‘हिरनी’ कहानी दे रही है। साक्षरता अभियानों में युवा लड़कियों ने अक्षर सैनिका के रूप में बडे पैमाने पर योगदान दिया है, यह भी ध्यान रखने की बात है।

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रचनाएँ-‘आदमखोर’, ‘दीमक’, ‘मर्द’, ‘सुबह की कमजोरी’, ‘इकलाई’ आदि लेखिका की अन्य प्रभावपूर्ण रचनाएँ हैं।

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