Mujhe Chaand Chahiye (मुझे चाँद चाहिए) by Surendra Verma pdf

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Mujhe Chaand Chahiye (मुझे चाँद चाहिए) by Surendra Verma, Hindi novel pdf
Author- Surendra Verma (सुरेंद्र वर्मा )
Book Type- Hindi Novel
File Format- PDF
Language- Hindi
Pages- 513
Size- 41Mb
Quality- good, without any watermark

Mujhe Chaand Chahiye (मुझे चाँद चाहिए) by Surendra Verma

अचानक मुझमें असंभव के लिए आकांक्षा जागी। अपना यह संसार काफी असहनीय है, इसलिए मुझे चंद्रमा, या खुशी चाहिए-कुछ ऐसा, जो वस्तुत: पागलपन-सा जान पड़े। मैं असंभव का संधान कर रहा हूँ…देखो, तर्क कहाँ ले जाता है-शक्ति अपनी सर्वोच्च सीमा तक, इच्छाशक्ति अपने अनंत छोर तक! शक्ति तब तक संपूर्ण नहीं होती, जब तक अपनी काली नियति के सामने आत्मसमर्पण न कर दिया जाये। नहीं, अब वापसी नहीं हो सकती। मुझे आगे बढ़ते ही जाना है… -कालिगला

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• आठवाँ सर्ग (नाटक)
• कैद ए-हयात (नाटक)
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• काटना शमी का वृक्ष पद्म पंखुरी की धार से (उपन्यास)
• शकन्तला की अंगठी (नाटक)
• तीन नाटक (नाटक)
• प्यार की बातें तथा अन्य कहानियाँ (कहानी संग्रह)
• अंधेरे से परे (उपन्यास)

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